मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही रेडियो प्रोग्राम मन की बात शुरू किया जिसमे वे सिर्फ़ अपने मन की करते है. अब वह चाहे ठीक हो या ग़लत इससे मोदी को क्या लेना. वह तो यह मानता है की प्रधानमंत्री बनने के बाद उसको लाइसेन्स मिल गया है सिर्फ़ अपने मन की करने का. यही कारण है वह अपने मन की बात मान कर अपना सारा ध्यान और उर्जा सिर्फ़ और सिर्फ़ विदेशों में घूमने के लिए खर्च करता है. उसको क्या लेना देश का, देश चाहे भाड़ में.
उधर BJP के सीनियर नेता और मार्गदर्शक मंडल के एक सदस्य श्री लाल कृष्ण आडवाणी जिनकी भारत के प्रधानमंत्री बनने की लालसा मोदी की वजह से अधूरी रह गयी, अब मोदी के मन की बात के तर्ज पर एक नया रेडियो प्रोग्राम शुरू करने जा रहे हैं. उनके इस नये रेडियो प्रोग्राम का नाम है मन की भड़ास.
आडवाणी की हालत धोबी के कुत्ते की तरह हो गयी है जो ना घर का रहा और ना घाट का. प्रधानमंत्री ना बनने के कारण उन्होने पार्टी के अंदर मोदी के खिलाफ आवाज़ उठाने की कोशिश की लेकिन पार्टी के अंदर से उनको कोई सपोर्ट नहीं मिला. अब मरता क्या ना करता, सो बिचारे आडवाणी अपना मन मसोस कर रह गये. बीच बीच में उन्होने काफ़ी कोशिश की अपनी फ्रस्ट्रेशन्स निकालने की लेकिन फिर से मोदी के चम्चो ने उनका मूह बंद कर दिया.
तो अपनी दाल ना गलते देख अब आडवाणी जी ने यह नया पैंतरा खेलने का सोचा है. उनको यह आइडिया मोदी के मन की बात के रेडियो प्रोग्राम से ही मिला. लेकिन चूँकि वह प्रधानमंत्री तो बन ना सके, उपर से कोई मंत्री पद भी नही मिला. हद तो तब हो गयी जब जिस BJP पार्टी को उन्होने अपने हाथों से शुरू किया था मोदी ने उनको उसका अध्यक्ष बनाने के लायक भी नहीं सोचा. अब चूँकि आडवाणी जी पूरी तरह से साइड लाइन किए जा चुके हैं तो उनके पास अपनी बात कहने का और कोई मंच नहीं बचा है.
इसलिए आडवाणी जी ने रेडियो को अपनी बात कहने के लिए चुना. सो अब आप जल्द ही आडवाणी जी को अपनी बात रेडियो पर मन की भड़ास प्रोग्राम में करते सुनेगे.
सुनने में आया है की यह प्रोग्राम उसी दिन टेलीकास्ट किया जाएगा जिस दिन मोदी का मन की बात होगा. मन की भड़ास प्रोग्राम का टाइम भी मोदी के मन की बात के एकदम बाद होगी. वह इसलिए ताकि मोदी जो बात मन की बात प्रोग्राम में करेंगे, आडवाणी जी उनकी हर बात का दो टुक जवाब अपने मन की भड़ास प्रोग्राम के ज़रिए देंगे.
खबर यह भी आ रही है की आडवाणी के इस कदम से मोदी काफ़ी नाराज़ हैं और उनको पार्टी से बाहर करने का मन बना चुके हैं. हमारे स्वांददाता ने जब आडवाणी जी इस इसके बारे में पूछना चाहा तो उन्होने बताया, “मेरे पास ना तो कोई अध्यक्ष पद है ना कोई मंत्री पद. मेरा पार्टी में होना ना होना कोई माने नहीं रखता है”.
यह पूछने पर की BJP से बाहर होने पर अब उनका अगला कदम क्या होगा तो उन्होने बताया की वह एक नयी पार्टी शुरू करेंगे जिसके अध्यक्ष वे खुद होंगे और आने वाले चुनावों में वे मोदी जी के खिलाफ लड़ेंगे और प्रधानमंत्री बन के दिखाएँगे. अब हम यह नहीं समझ पाए की उनकी इस बात में कोई सचाई है या फिर उनके मन की भड़ास रेडियो प्रोग्राम शुरू होने से पहले ही निकल रही है.